क्रिकेट में बेल्स का क्या है महत्व ?
क्रिकेट में बेल्स (Bails in Cricket) अभी के समय मे इस खेल का एक महत्वपूर्ण अंग बन चूका है। क्रिकेट में बेल्स की जो भूमिका है एक तरह से देखा जाए तो सबसे अलग है। लेकिन मन मे ये सवाल कही न कही आ ही जाता है कि वास्तव में बेल्स क्या हैं और इसका क्रिकेट मे इतना ज्यादा महत्व क्यों हैं ? इस पूरे लेख में हम बात करने वाले हैं उसी क्रिकेट के बेल्स के बारे में। हम नजर डालेंगे क्रिकेट बेल्स की भूमिका पर और साथ ही उसके बारे में गहराई से जानने का पूरा प्रयास करेंगे। हम जानेंगे कि कैसे क्रिकेट का बेल आपके पूरे खेल को प्रभावित कर सकता है।
आइये जानते हैं कि क्रिकेट में बेल्स (Bails in Cricket) क्या हैं?
क्रिकेट में बेल्स (Bails in Cricket) विकेट के ऊपर रखा होता है। ये एक छोटे लकड़ी के टुकड़े का बना हुआ होता है। लेकिन ये जितना छोटा होता है उतना ही बड़ा इसका महत्व होता है। ये विकेट के प्रत्येक छोर पर स्टंप के ऊपर रखा हुआ होता है वो चाहे स्ट्राइकर एंड हो या फिर नॉन स्ट्राइकर एंड हो। बेल्स का उपयोग इस लिए किया जाता है कि कोई बल्लेबाज आउट है या नहीं। बेल्स ही निर्धारित करता है कि बल्लेबाज को आउट देना है या नहीं। अगर गेंद स्टंप्स से टकराती है और गिल्लियां गिरती हैं तो बल्लेबाज आउट हो जाता है , अंपायर बिना किसी संदेह के उसे आउट करार देता है। अगर खेल के बीच में बारिश के वजह से भी रुकता है तो बेल्स को हटा दिया जाता है अंपायर द्वारा जो कि इशारा भी होता है कि खेल को रोक दिया गया है। पहले के समय में कभी कभी ऐसा भी होता था जब बेल्स एकदम हल्का होता था और वो हवा के दबाव से भी गिर जाता था लेकिन उसे अंपायर द्वारा माना नहीं जाता था। क्योकि उसमे ना गेंदबाज कि कोई भूमिका होती थी ना बल्लेबाज का कोई योगदान।
क्रिकेट में बेल्स (Bails in Cricket) का योगदान
क्रिकेट में बेल्स (Bails in Cricket) का महत्व तब और बढ़ जाता है जब कोई बल्लेबाज अपना क्रीज छोड़ कर आगे आता है किसी गेंद को मारने के लिए और बॉल उसके बैट को छकाती हुई विकेटकीपर के दस्तानों में चली जाती है और वो स्टंप को बिखेर देता है तब बल्लेबाज को आउट करार दिया जाता है। ये दो छोटे लकड़ी के टुकड़े कई बार किसी मैच का परिणाम घोषित करते हैं।
क्रिकेट बेल्स (Cricket Bails) की पूरी जानकारी
क्रिकेट बेल्स (Cricket Bails) का जो आकर और उसकी लम्बाई-चौड़ाई होती है वो हर मैच के लिए बराबर होता है उसमे कोई बदलाव नहीं होता है। बेल के वजन की बात करें तो वो इतना हल्का भी नहीं होना चाहिए कि अगर हवा तेज हो तो वो गिर जाए और इतना वजनदार भी नहीं होना चाहिए कि बॉल लगने के बाद भी ना गिरे। बेल की कुल लंबाई – 4.31 इंच/10.95 सेमी होता है। वही धड़ जिसको बैरेल भी कहा जाता है उसकी लंबाई – 2.13 इंच / 5.40 सेमी होता है। लंबी डंडी – 1.38 इंच/3.50 सेमी और छोटी डंडी- 0.81 इंच/2.06 सेमी की होती है। वही आज के समय में इसमें थोड़ा बहुत बदलाव भी हुआ है पहले लकड़ी के बेल आता था लेकिन अब उसमे प्लास्टिक और लाइट्स भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्रिकेट बेल्स (Cricket Bails) क्यों चमकता है
आज के समय में जितने भी मैच होते हैं उसमे क्रिकेट बेल्स (Cricket Bails) बड़े चमचमाते हुए दिखते हैं साथ ही दर्शको में उत्साह पैदा करते है। क्योकि जैसे ही बेल्स की लाइट जली इसका मतलब की कोई ना कोई बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन वापस लौट रहा है। आपको बता दे कि ये नया तकनीक 2013 के बाद से चलन में आया क्योकि उसी समय आईसीसी ने इसे प्रयोग की अनुमति दी थी। लेकिन आज देखा जाए तो हर क्रिकेट मैच में इसका इस्तेमाल होने लगा है।
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क्रिकेट बेल्स (Cricket Bails) FAQs
1: आईसीसी ने कब लाइट वाले बेल्स की अनुमति दी?
आईसीसी ने जुलाई 2013 में लाइट वाले बेल्स की अनुमति दी थी जिसके बाद से ये लगातार क्रिकेट के हर फॉर्मेट में इस्तेमाल किया जा रहा है। छोटा सा बेल लाइट के साथ और भी आकर्षण लगता है साथ ही साथ खुबसुरत भी लगता है। और दर्शको का ध्यान अपनी ओर खींचता हैं।
2: बेल्स की लम्बी डंडी और छोटी डंडी कितने सेमी की होती है ?
आपको बता दे कि बेल की जो कुल लंबाई होती है वो – 4.31 इंच/10.95 सेमी होता है। वही धड़ जिसको बैरेल भी कहा जाता है उसकी कुल लंबाई – 2.13 इंच / 5.40 सेमी होता है। लम्बी डंडी – 1.38 इंच/3.50 सेमी और छोटी डंडी- 0.81 इंच/2.06 सेमी की होती है।
3: हवा से बेल गिर जाए तो क्या माना जाएगा?
अक्सर ये पहले के समय में हुआ करता था जब हवा के बहाव से बेल गिर जाता था और अंपायर उसे डेड बॉल करार देता था। लेकिन अब बेल इतना वजनदार रखा जाता है जो हवा से नहीं बल्कि बॉल के छू जाने भर से गिर जाता है।
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